ऐतिहासिक रेल इंजन से रुबरू हुए सांसद विचारे
समर प्रताप सिंह
ठाणे। ब्रिटिश राज के दौरान एशिया में पहली रेलगाड़ी ठाणे से बोरीबंदर के बीच १६८ वर्ष पहले चली थी। ठाणे रेल सेवा ने ही देश में विकास की पहली नींव रखी थी। उक्त ऐतिहासिक रेल इंजन का आगमन ठाणे रेलवे स्टेशन पर हुआ है। इस रेल इंजन से सांसद राजन विचारे भी रुबरू हुए। इस इंजन को ठाणे रेलवे स्टेशन पर स्थापित करने की मांग दशकों से रेलवे प्रवासी संगठना करते आ रहे थे।
इसको लेकर सांसद विचारे ने पहली बार २१ अप्रैल, २०१५ को मध्य रेलवे से मांग की थी। इसके बाद तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने नोडल अधिकारी के तौर पर मुख्य प्रशासकीय अधिकाी एम. के. गुप्ता को भी सात मई २०१७ को निवेदन दिया था। उस समय मांग की गई कि पहली वाष्प रेल इंजन तथा अन्य पहचान को स्थायी रूप देने म्म्यूजियम (वास्तुसंग्रहालय) साकार करने की मांग की गई थी। उस प्रयास का ही पहला फल था कि पहली रेेल इंजन का आगमन ठाणे रेलवे स्टेशन पर हुआ। जिसको देखने सांसद विचारे स्वयं पहुंचे। इस दौरान रेलवे अधिकारियों ने विचारे को बताया कि जल्द ही यहां सुशोभीकरण का काम किया जानेवाला है। रेल म्युजियम साकार होने के बाद इसमें रेलवे प्रवासी के छायाचित्र, रेलवे का इतिहास बताने वाला चित्रे. तथा ठाणे का कैसे विकास होता गया, उससे संबंधित छायाचित्रों की झलक देखने को मिलेगी। ऐसा विचार विचारे ने व्यक्त किया।