दुर्बल महिलाओं की उपेक्षा कर रहा है ठाणे मनपा प्रशासन
समर प्रताप सिंह
ठाणे। कोरोना संकट के समय भी ठाणे मनपा प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग के मार्फत महिला कल्याणकारी योजनाओं पर अमल नहीं किया। जिस कारण आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं, विधवा महिलाएं व विकलांग महिलाएं मनपा की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ पाने से वंचित की जा रही है।
ठाणे। कोरोना संकट के समय भी ठाणे मनपा प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग के मार्फत महिला कल्याणकारी योजनाओं पर अमल नहीं किया। जिस कारण आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं, विधवा महिलाएं व विकलांग महिलाएं मनपा की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ पाने से वंचित की जा रही है।
इस तरह के सनसनीखेज आरोप लगाते हुए भाजपा की ठाणे शहर महिला अध्यक्षा मृणाल पेंडसे ने आरोप लगाया है कि समाज कल्याण विभाग को महिलाओं के कल्याण के लिए दी जा रही निधि में कटौती की गई है। लेकिन इसके साथ ही ठाणे मनपा में सत्तासीन महत्वपूर्र्ण चेहरों को ७० लाख की गाडिय़ों का उपहार दिया जा रहा है।
महिलाओं की कल्याण निधि रोक दिए जाने से जरुरतमंद महिलाएं परेशान हैं। इसको लेकर सत्तासीन शिवसेना उदासीन है। लेकिन इसके विपरीत महापौर, उपमहापौर, सभागृह नेते, स्थायी समिति सभापति, प्रभाग समिति सभापति के लिए ७० लाख की नई गाडिय़ां मंगाई जा रही है। ऐसे सवाल उठाते हुए मृणाल पेंडसे ने सत्तासीन शिवसेना को निशाने पर लिया है। साथ ही आरोप लगाया है कि कमजोर गरीब महिलाओं को प्रंशासनिक स्तर पर दरकिनार किया जा रहा है।
पेंडसे का कहना है कि गत वर्ष कोरोना और लगातार लॉकडाऊन के कारण मनपा प्रशासन के उत्पन्न पर असर पड़ा था। $जिसका असर ठाणे मनपा के बजट पर भी देखा गया है। उत्पन्न और खर्च को संतुलित करने मनपा प्रशासन ने बजट में १२०० करोड़ की कमी की।
लेकिन आर्थिक स्थिति मनपा की कमजोर होने के बाद भी 5-2-2 खाली गाडी खरीदी का प्रयास किया जा रहा है। पेंडसे का कहना है कि वाहन खरीदी के लिए आवश्यक कामों की निधि को बधित किया जा रहा है। कोरोना संकट के बाद से लेकर अब तक महिलाओं को लेकर किसी तरह के प्रशासनिक निर्णय नहीं लिए गए। महिलाएं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंंचित रखी जा रही है। आरोप लगाए गए हैं कि उक्त महंगी गाडिय़ां खरीदने के लिए समाज कल्याण विभाग को दी जानेवाली निधि रोकी जा रही है। जिस कारण जरुरतमंद महिलाएँ सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हो रही है। पेंडसे ने ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपीन शर्मा से मांग की है कि महिलाओं की स्थिति को लेकर वे समाज कल्याण विभाग के साथ होनेवाले अत्याचार को रोका जाए।
महिलाओं की कल्याण निधि रोक दिए जाने से जरुरतमंद महिलाएं परेशान हैं। इसको लेकर सत्तासीन शिवसेना उदासीन है। लेकिन इसके विपरीत महापौर, उपमहापौर, सभागृह नेते, स्थायी समिति सभापति, प्रभाग समिति सभापति के लिए ७० लाख की नई गाडिय़ां मंगाई जा रही है। ऐसे सवाल उठाते हुए मृणाल पेंडसे ने सत्तासीन शिवसेना को निशाने पर लिया है। साथ ही आरोप लगाया है कि कमजोर गरीब महिलाओं को प्रंशासनिक स्तर पर दरकिनार किया जा रहा है।
पेंडसे का कहना है कि गत वर्ष कोरोना और लगातार लॉकडाऊन के कारण मनपा प्रशासन के उत्पन्न पर असर पड़ा था। $जिसका असर ठाणे मनपा के बजट पर भी देखा गया है। उत्पन्न और खर्च को संतुलित करने मनपा प्रशासन ने बजट में १२०० करोड़ की कमी की।
लेकिन आर्थिक स्थिति मनपा की कमजोर होने के बाद भी 5-2-2 खाली गाडी खरीदी का प्रयास किया जा रहा है। पेंडसे का कहना है कि वाहन खरीदी के लिए आवश्यक कामों की निधि को बधित किया जा रहा है। कोरोना संकट के बाद से लेकर अब तक महिलाओं को लेकर किसी तरह के प्रशासनिक निर्णय नहीं लिए गए। महिलाएं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंंचित रखी जा रही है। आरोप लगाए गए हैं कि उक्त महंगी गाडिय़ां खरीदने के लिए समाज कल्याण विभाग को दी जानेवाली निधि रोकी जा रही है। जिस कारण जरुरतमंद महिलाएँ सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हो रही है। पेंडसे ने ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपीन शर्मा से मांग की है कि महिलाओं की स्थिति को लेकर वे समाज कल्याण विभाग के साथ होनेवाले अत्याचार को रोका जाए।
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